Data protection act in India: भारत में जल्द आने वाला है डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम

Technology News: आज-कल लगभग पूरा विश्व Internet का इस्तेमाल कर रहा है क्योंकि Internet पर सारी सूचनाएं आसानी से मिल जाती है बस Search Engine पर जाइये और जो भी सूचनाए चाहिये उसे टाइप कीजिये। इतनी आसानी से सूचनाए मिलने के कारण अधिकतर लोग Internet का इस्तेमाल कर रहे है जिस कारण लोगो के व्यकितिगत डाटा के चोरी होनी की संभावनाए बढ़ जाती है इसी कारण उस देश की सरकार Data Protection act बनाती है । भारत आये दिन ऐसी खबरे सामने आती रहती है सरकार के पास अभी तक कोई ऐसा ठोस कानून नही है पर सरकार जल्द ही Data protection act लाने वाली है।

data-protection-laws-in-india

Data protection act की Highlights

  • डच साइबर सिक्योरिटी फार्म Surfshark VPN के अनुसार वर्ष 2022 के पहले 6 महीनों में डाटा ब्रेचेस के मामले में दुनिया में पहला नंबर भारत का है।
  • व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक(Data protection act 2019) सरकार द्वारा वापस ले लिया गया।
  • केंद्र सरकार जल्दी ही डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम(Data protection act) लाने घोषणा करेगी।

Data protection laws in india:

एक यूक्रेन साइबर सुरक्षा शोधकर्ता ने दावा किया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन डेटाबेस से 28 करोड़ भारतीय नागरिकों का संवेदनशील डाटा ऑनलाइन सामने आया है। इस डाटा में व्यक्तिगत जानकारी के रूप में पूरा नाम, nomniee डिटेल, marital status, एड्रेस, बैंक खाता संख्या, आधार संख्या, इनकम इत्यादि शामिल है।

data-protection-laws-in-india

भारत में वर्तमान में डेटा सुरक्षा के लिए कोई ठोस कानून नहीं है क्योंकि हाल ही में Data protection act 2019 सरकार द्वारा वापस ले लिया गया था। इस विधेयक को वापस लेने का मुख्य कारण कमेटी द्वारा सुझाए गए 81 संशोधन तथा 12 मुख्य सुझाव है। इस बिल के कारण Google और Facebook जैसी बड़ी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों की चिंता बढ़ गई थी ।

डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम (Data protection act in India) लाने का मुख्य कारण:

पिछले कुछ सालों से साइबर क्राइम के अपराधों में तेजी आने के कारण इस (Data protection act in India)  बिल को लाने की जरूरत पड़ी । इंटरनेट के जरिए इस तरह के अपराधों की संख्या पिछले वर्ष लगभग 5 परसेंट बढ़ी है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो(NCRB) का कहना है साइबर क्राइम के अधिकतर मामले फ्रॉड से जुड़े थे। NCRB की डेटा से पता चलता है कि 2021 मैं साइबर क्राइम के 52,974 मामले सामने आए थे।

इसमें सबसे अधिक 70% मामले असम राज्य से आए थे। उसके बाद कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में थे। लेकिन इनमें से बहुत कम लोगों ने, (लगभग 33 परसेंट) चार्जशीट दाखिल की।

जैसा कि हमने पहले बताया सर्वाधिक मामलों का कारण फ्रॉड था, इससे संबंधित मामले कुल मामलों के 60 परसेंट थे, यौन उत्पीड़न से संबंधित लगभग 8.6 प्रतिशत मामले थे इसके बाद वसूली से संबंधित लगभग 5% मामले सामने आए।

अगर संख्या की बात करें तो सबसे अधिक मामले (10,303) तेलंगाना राज्य मे आए थे। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 8829 कर्नाटक में 8136 और महाराष्ट्र में 5662 साइबर क्राइम के मामले दर्ज किए गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *